बशीर बद्र साहब की 40+ बेहतरीन चुनिंदा शायरी Best 40+ shayari of bashir badr in hindi & english bashir badr poetry, Bashir badr shayari in urdu, bashir badr hindi shayari, bashir badr shayari on love ,bashir badr shayari books, best of bashir badr, bashir badr ghazals
बसीर बद्र
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा
नमस्कार दोस्तों आज हम आपको ले जाने वाले हैं एक बहुत ही रोमानी नशीली ही दुनिया में एक अलग ही अल्फाजों की दुनिया में या यूं कहें कि आज का सफर होगा जनाब बशीर बद्र जी के साथ उनकी रोमानी दुनिया का आज की ब्लॉग में निबंध महत्वपूर्ण पॉइंट्स होंगे
बशीर बद्र साहब की 40+ शायरी
40+ shayari of bashir badr
Blog highlights
1 bashir badr
2 bashirbadr shayari in hindi
3 bashir badr shayari in english
4 bashir bhadra shayari
5 bashir badr books
6 bashir badr quotes
7 bashir badr kavita kosh
8 bashir badr quotes in hindi
9 bashir badr ki ghazal
10 Bashir badr shayari in urdu
11 bashir badr hindi shayari
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जीवनी
डॉ॰ बशीर बद्र (जन्म १५ फ़रवरी १९३६) को उर्दू का वह शायर माना जाता है बशीर बद्र साहब की शायरी के बारे में जितना कहे उतना ही कम होगा जिसने कामयाबी की बुलन्दियों को फतेह कर बहुत लम्बी दूरी तक लोगों की दिलों की धड़कनों को अपनी शायरी में उतारा है। बशीर बद्र साहब के अल्फाजों की पहुंच प्रत्येक श्रोता के दिल तक थी साहित्य और नाटक आकेदमी में किए गये योगदानो के लिए उन्हें १९९९ में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
इनका पूरा नाम सैयद मोहम्मद बशीर है। भोपाल से ताल्लुकात रखने वाले बशीर बद्र का जन्म कानपुर में हुआ था। उनके लेखन का यह सिलसिला उनके साथ रुकता नहीं है आज के मशहूर शायर और गीतकार नुसरत बद्र इनके सुपुत्र हैं।
डॉ॰ बशीर बद्र 56 साल से हिन्दी और उर्दू में देश के सबसे मशहूर शायर हैं। दुनिया के अधिकांश देशों ने अपने मुशायरा में उन्हें आमंत्रित किया दुनिया के दो दर्जन से ज्यादा मुल्कों में मुशायरे में शिरकत कर चुके हैं। बशीर बद्र आम आदमी के शायर हैं। एल के प्रत्येक शायर के अल्फाज अल्फाज नहीं जादू का काम करते हैं ज़िंदगी की आम बातों को बेहद ख़ूबसूरती और सलीके से अपनी ग़ज़लों में कह जाना बशीर बद्र साहब की ख़ासियत है। उनकी गजलों और शायरी की एक खास बात यह है कि बहुत कम अल्फाजों में एक पूरी कहानी सी होती है उन्होंने उर्दू ग़ज़ल को एक नया लहजा दिया। उनकी शेरो शायरी ने लहजे के कारण ही सभी शायरों के अंदर एक अलग ही मुकाम हासिल किया है यही वजह है कि उन्होंने श्रोता और पाठकों के दिलों में अपनी ख़ास जगह बनाई है।
अयोध्या में 15 फरवरी 1935 को पैदा हुए बशीर बद्र ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त की। कहा जाता है कि उन्होंने 7 बरस की उम्र से ही शेरो-शायरी शुरू कर दी थी। इतने बचपन से ही शेरो शायरी करने के कारण वक्त के साथ उनके अल्फाजों में सुंदरता बढ़ती गई उन्हें 1999 में पद्मश्री और उर्दू के साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया। यह ऐसे शायर हैं जिनकी शायरी को दुनिया की अन्य भाषाओं में भी अनुवादित किया गया उनकी कविताएं और शेर अंग्रेजी और फ्रेंच में भी अनुवाद किए गए हैं।
जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिन्दा न हों
Dushmani jam kar karo lekin ye gunzaish rahe
Jab kabhi ham dost ho jayen to sharminda na ho
कोई हाथ भी न मिलाएगा, जो गले से मिलोगे
ये नए मिजाज का शहर है, जरा फ़ासले से मिला करो।
Koi hath bhi na milayega jo gale se miloge
Ye naye mijaz ka shahar hai jara fasle se mila karo
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा
Ham bhi dariya hai hame bhi apna hunar maloom hai
Jis taraf bhi chal padenge rasta ho jayega
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो,
न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए।
Ujale apni yado ke hamare sath rahne do
Na jane kos gali me jindagi ki shaam ho jaye
सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जायेगा,
इतना मत चाहो उसे वो बे-वफ़ा हो जायेगा।
Sar jhukaoge to pathar dewta ho jayega
Itna mat chaho wo bewafa ho jayega
जिस दिन से चला हूं मेरी मंज़िल पे नज़र है
आंखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा
Jis din se chala hu meri manjil pe nazar hai
Aankho ne kabhi meel ka pathar nahi dekha
शौहरत की बुलन्दी भी पल भर का तमाशा है
जिस डाल पर बैठे हो, वो टूट भी सकती है
Shauhrat ki bulandi bhi pal bhar ka tamasha hai
Jis daal par baithe ho wo tut bhi sakti hai
मुहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला
Mohobbato me dikhawe ki dosti na mila
Agar gale nahi milta to hath bhi na mila
उसे किसी की मुहब्बत का एतिबार नहीं
उसे ज़माने ने शायद बहुत सताया है
Use kisi ki mohabbbat ka aitbaar nahi
Use jamane shayad bahut sataya hai
गुलाबों की तरह शबनम में अपना दिल भिगोते हैं
मुहब्बत करने वाले ख़ूबसूरत लोग होते हैं
Gulabo ki tarah shabanam me apna dil bhigote hai
Muhabbat karne wale khoobsoorat log hote hai
एक दिन तुझ से मिलने जरूर आऊंगा
जिंदगी मुझ को तेरा पता चाहिए।
Ek din tujh se milne jarur aaunga
Jindagi mujhko tera pata chahiye
चमकती है कहीं सदियों में आंसुओं से ज़मीं
ग़ज़ल के शेर कहां रोज़-रोज़ होते हैं
Chamakati hai kaheen sadiyon me aansuon se jamee
Ghazal ke sher kahan roz roz hote hai
लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में,
तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में।
Log tut jate hai ek ghar banane me
Tum taras nahi khate bastiyan jalane me
पलकें भी चमक जाती हैं सोते में हमारी,
आंखों को अभी ख्वाब छुपाने नहीं आते।
Palke bhi chamak jati hai sote me hamari
Aankho ko bhi abhi khwabb chupane nahi aate
तमाम रिश्तों को मैं घर पे छोड़ आया था,
फिर उस के बाद मुझे कोई अजनबी नहीं मिला।
Tamam rishto ko mai ghar pe chhod aaya tha
Fir uske baad mujhe koi ajanabi nahi mila
अबके आंसू आंखों से दिल में उतरे
रुख़ बदला दरिया ने कैसा बहने का
Abke aansu aankho se dil me utre
Rukh badla dariya ne kaisa bahne ka
Blog highlights
1 bashir badr
2 bashirbadr shayari in hindi
3 bashir badr shayari in english
4 bashir bhadra shayari
5 bashir badr books
6 bashir badr quotes
7 bashir badr kavita kosh
8 bashir badr quotes in hindi
9 bashir badr ki ghazal
10 Bashir badr shayari in urdu
जिस पर हमारी आंख ने मोती बिछाए रात भर
भेजा वही कागज उसे हमने लिखा कुछ नहीं
Jis par hamari aankh ne moti bichhaye raat bhar
Bheja wahi kagaz use hame likha kuch nahi
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी,
यूं कोई बेवफ़ा नहीं होता।
Kuchh to majbooriyan rahi hongi
Yu koi bewafa nahi hota
जैसे सर्दियों में गर्म कपड़े दे फ़क़ीरों को,
लबों पे मुस्कुराहट थी मगर कैसी हिकारत सी।
Jaise sardiyon me kapde de fakeeron ko
Labo pe muskurahat thi magar kaisi hiqarat si
ज़हीन सांप सदा आस्तीन में रहते हैं
ज़बां से कहते हैं दिल से मुआफ़ करते नहीं
Jaheen saamp sada aasteen me rahte hai
Juban se kahte hai dil se maaf karte nahi
सात सन्दूकों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें
आज इन्सां को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत
Saat sandooko me bhar ke dafan kar do nafarate
Aaj insan ko mohabbat ki jarurat hai bahut
खुले से लॉन में सब लोग बैठें चाय पियें
दुआ करो कि ख़ुदा हमको आदमी कर दे
Khule se laun me sab log baithe chai piyen
Dua karo ki khuda hamko aadmi karde
अजीब शख्स है नारा होके हंसता है,
मैं चाहता हूं ख़फ़ा हो, तो ख़फ़ा ही लगे।
Ajeeb shakhs hai naara hasta hai
Mai chahta hu khafa hoto khafa hi lage
लहजा कि जैसे सुब्ह की ख़ुशबू अज़ान दे
जी चाहता है मैं तेरी आवाज़ चूम लूं
Lahza ki jaisesubah ki khusbu ajaan de
Ji chahta hai mai teri aawaz choom lu
इतनी मिलती है मेरी ग़ज़लों से सूरत तेरी
लोग तुझको मेरा महबूब समझते होंगे
Itni milti hai meri ghazalo se soorat teri
Log tujhko mera mehboob samjhate honge
मुझको शाम बता देती है
तुम कैसे कपड़े पहने हो
Mijhko shaam bata deti hai
Tum kaise kapde pahne ho
इस ख़ुशी में मुझे ख़याल आया
ग़म के दिन कितने ख़ूबसूरत थे
Is khushi me mujhe khyal aaya
Gam ke din kitne khoobsurat the
देने वाले ने दिया सब कुछ अजब अंदाज से,
सामने दुनिया पड़ी है और उठा सकते नहीं।
Dene wale ne diya sab kuch ajab andaaz se
Samne duniya padi hai aur utha nahi sakte
मिल भी जाते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं,
हाय मौसम की तरह दोस्त बदल जाते हैं।
Mil bhi jate hai to katra ke nikal jate hia
Haay mausam ki tarah dost badak jate hai
हम अभी तक हैं गिरफ़्तार-ए-मुहब्बत यारों,
ठोकरें खा के सुना था कि सम्भल जाते हैं।
Ham abhi hai girftaar e muhabbat yaro
Thokre kba ke suna tha ki sambhal jate hai
ऐसे मिलो कि अपना समझता रहे सदा
जिस शख़्स से तुम्हारा दिली इख़्तिलाफ़ है
Aise milo ki apna samjhta rahe sada
Jis shakhs se tumhara dili ikhtilaaf ho
सच सियासत से अदालत तक बहुत मसरूफ़ है
झूट बोलो, झूट में अब भी मोहब्बत है बहुत
Sach siyasat se adalat tak bahut masroof hai
Jhooth bolo jhooth me ab bhi muhabbat hai bahut
किताबें, रिसाले न अख़़बार पढना
मगर दिल को हर रात इक बार पढ़ना
Kitabe risalen akhbaar padhna
Magar dil ko har raat ek baar padhna
मुख़ालिफ़त से मेरी शख़्सियत संवरती है
मैं दुश्मनों का बड़ा एहतेराम करता हूं
Mukhalift se meri shakhsiyat sanwarat hai
Mai dushmano ka bada ehtraam karta hu
मुझसे बिछड़ के ख़ुश रहते हो,
मेरी तरह तुम भी झूठे हो।
Mujhse bichhad ke khush rahte ho
Meri tarah tum bhi jhoothe ho
कभी हम भी इस के क़रीब थे, दिलो जान से बढ़ कर अज़ीज थे,
मगर आज ऐसे मिला है वो, कभी पहले जैसे मिला ना हो।
Kabhi ham bhi is ke karewb the dilo jaan se badh kar aziz the
Magar aaj aise mila hai wo kabhi pahle jaise mila na ho
कभी धूप दे, कभी बदलियां, दिलोजान से दोनों कुबूल हैं,
मगर उस नगर में ना कैद कर, जहां जिन्दगी की हवा ना हो।
Kabhi dhoop de kabhi badaliyan dilo jaan se kabool hai
Magar us nagar me na kaid kar jahan jindagi ki hawa na ho
तो दोस्तों कैसा लगा आपको आज का यह ब्लॉग आने वाला ब्लॉक आप किस मशहूर शायर के बारे में पढ़ना पसंद करते हैं हमें कमेंट सेक्शन में लिखकर जरूर बताएं साथ ही आज के इस ब्लॉग के बारे में अपने विचार भी जरूर लिखें अगर आप ब्लॉग पर पहली बार आए हैं तो ब्लॉग को खोलो अवश्य कर लें जिससे आने वाले प्रत्येक ब्लॉग आपको उपलब्ध हो जाएंगे साथ ही अगर आप ऐसे ही शायरों शायरी के श्रोताओं मैं हमारे ब्लॉग को शेयर करते हैं तो इसके लिए मैं आपका आभारी रहूंगा मिलते हैं एक नई दिन एक नए ब्लॉग एक नई मशहूर हस्ती की एक नई सी दुनिया में नमस्कार
आपका दोस्त
प्रमोद मेघ
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